गाजियाबाद, सीबीआई ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि आरुषि और हेमराज हत्या मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य डॉक्टर दंपति राजेश और नूपुर तलवार की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।
सीबीआई के वकील आरके सैनी ने यहाँ की विशेष सीबीआई अदालत से कहा कि हमारा रुख था कि जाँच अधिकारी की जाँच में साबित होता है कि इसमें (आरुषि-हेमराज की मौत) कोई बाहरी शामिल नहीं था। इसमें नौकर शामिल नहीं हैं और परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस ओर इशारा करते हैं कि जो भी हुआ सिर्फ अभिभावकों ने किया।
सीबीआई मामलों की विशेष न्यायाधीश प्रीतिसिंह ने आरुषि मामले की क्लोजर रिपोर्ट पर करीब साढ़े तीन घंटे तक सुनवाई के बाद फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया। अदालत के बाहर तलवार के वकील सतीश टमटा ने आरोप लगाया कि सीबीआई की जाँच में गंभीर खामियाँ हैं।
उन्होंने कहा कि जिरह के दौरान अपने तर्क में हमने यह उजागर करने की कोशिश की कि जाँच में कुछ खामियाँ हैं जिस पर आगे स्पष्टीकरण जरूरी है और जाँच इस चरण में नहीं रोकी जा सकती और आगे की वैज्ञानिक जाँच जरूरी है ताकि उपयुक्त परिणाम तक पहुँच सकें।
टमटा ने डीएनए प्रक्रिया की जाँच पर जोर दिया जिसमें आनुवांशिक सामग्रियों की जाँच शामिल है। राजेश और नूपुर दोनों अदालत में उपस्थित नहीं थे। राजेश पर 25 जनवरी को उत्सव शर्मा ने अदालत परिसर में हमला कर दिया था, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा है।
नोएडा के जलवायु विहार में 14 वर्षीय आरुषि की 16 मई 2008 को गला काटकर हत्या कर दी गई थी। इसके अगले दिन घर के नौकर हेमराज का शव फ्लैट की छत पर पाया गया।
अदालत में उपस्थित लोगों से जो कुछ पता चला उसके मुताबिक सैनी ने राजेश की याचिका का विरोध करते हुए कार्यवाही की शुरुआत की। सैनी ने कहा कि मामले में कुछ नहीं बचा है और आगे की जाँच की कोई गुंजाइश नहीं है। (भाषा)
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Posted on Wednesday, February 9, 2011 |
11:40:00 PM
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