
प्रिया ने कहा कि जिस्मफरोशी को वैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए, ताकि यौनकर्मियों की आजीविका पर कोई असर नहीं पड़े। मैं इस बात की वकालत करती हूँ। उन्होंने कहा कि जिस्मफरोशी को दुनिया का सबसे पुराना पेशा कहा जाता है। यौनकर्मियों की समाज में एक पहचान है। हम उनके हकों की अनदेखी नहीं कर सकते। उन्हें समाज, पुलिस और कई बार मीडिया के शोषण का भी सामना करना पड़ता है।
उत्तर-मध्य मुंबई की 44 वर्षीय कांग्रेस सांसद ने कमाठीपुरा का नाम लिए बगैर कहा कि देश की आर्थिक राजधानी के कुछ रेड लाइट क्षेत्रों में विकास के नाम पर बहुत सारे यौनकर्मियों को बेघर किया जा रहा है।
किसानों की आत्महत्या : किसानों की आत्महत्या के मुद्दे को गंभीर बताते हुए प्रिया ने कहा कि मैं समझती हूँ कि किसानों की आत्महत्या के लिए सिर्फ सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस मुद्दे का स्थायी हल ढूँढ़े जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चूँकि किसानों की आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में कर्ज चुका न पाना बड़ी वजह के रूप में सामने आया है, लिहाजा सरकार को ऐसी नीतियाँ बनानी चाहिए, जिनसे किसानों को बैंकों से आसानी से कर्ज मिल सके और उन्हें ऊँची ब्याज दरों पर रकम उधार लेने के लिए साहूकारों का दरवाजा न खटखटाना पड़े।
महँगाई की पीड़ा : एक सवाल पर कांग्रेस सांसद ने स्वीकार किया कि ‘गृहिणी के तौर पर’ वे महँगाई से प्रभावित हैं, लेकिन अगले ही पल उन्होंने ‘राजनेता की हैसियत से’ कहा कि आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार महँगाई कम करने की कोशिश कर रही है। (भाषा)

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