मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से हटाने के लिए चल रहे अभूतपूर्व आंदोलन के तीसरे हफ्ते में प्रवेश करने के बीच मुबारक ने संवैधानिक और विधायिक सुधारों के लिए एक दल का गठन कर विरोध प्रदर्शनों की लपटों को कम करने की कोशिश की है। हालाँकि प्रदर्शनकारियों पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उन्होंने अपने प्रदर्शनों को जोरशोर से आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
सत्ता से वार्ता के लिए प्रदर्शनकारियों की तरफ से चुने गए प्रतिनिधियों में से एक शादी अल-गजाली हर्ब ने कहा कि कोई भी कदम हमें प्रभावित नहीं करेगा। निरंकुश मुबारक को सत्ता से हटाना ही हमारा एकमात्र मकसद है। हमने पिछले 30 सालों से इस महान पल की प्रतीक्षा की है और अब हम इसे हाथ से नहीं जाने देंगे।
गजाली का यह बयान तब आया है जब देश के नए उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान ने घोषणा की कि मुबारक ने संवैधानिक और विधायिक सुधारों के लिए एक समिति का गठन किया है। सुलेमान ने टेलीविजन पर दिए अपने बयान में कहा था कि राष्ट्रपति मुबारक ने संवैधानिक आयोग के गठन के लिए आज एक आदेश पर हस्ताक्षर किया है, जो संवैधानिक और जरूरी विधायिक सुधारों का निरीक्षण करेगी।
दूसरी तरफ मुबारक द्वारा वेतनमानों में बढ़ोतरी, मीडिया के स्वतंत्र क्रियान्वयन और आपातकालीन स्थिति को खत्म करने जैसी कई तरह की छूटें दिए जाने के बाद भी प्रदर्शनकारी मुबारक को राहत देने के पक्ष में नहीं हैं। ऐतिहासिक तहरीर चौक पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने संकल्प लिया है कि वे अपने विरोध प्रदर्शनों की धार को और ज्यादा तेज करेंगे
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Unknown
Posted on Wednesday, February 9, 2011 |
11:32:00 PM
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